सब अपनी अकड़ में अमचूर सत्ता, धन दौलत, ताकत में चूर सब अपनी अकड़ में अमचूर सत्ता, धन दौलत, ताकत में चूर
चलों मेला चलें, चलों मेला चलें। मैया नर्मदा के दर्शन करें।। चलों मेला चलें, चलों मेला चलें। मैया नर्मदा के दर्शन करें।।
कितनी ये बात सच्ची लगती है, जो बात शायद सच होना था वह बात। कितनी ये बात सच्ची लगती है, जो बात शायद सच होना था वह बात।
बनाया था साथी दर्द का सबब बन गया, दर्द का। बनाया था साथी दर्द का सबब बन गया, दर्द का।
बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था। बढ़ा रंगीन उभरा था आज पानी पे बुलबुला, बचाता भी इसे कैसे किसी पल तो मिटना था।
परियों का देश, जादू का खिलौना बच्चे का मन होता रूई सरीखा ! परियों का देश, जादू का खिलौना बच्चे का मन होता रूई सरीखा !